Arijit Singh, Nikhita Gandhi - Ullu Ka Pattha lyrics
[Arijit Singh, Nikhita Gandhi - Ullu Ka Pattha lyrics]
उल्लू-ले, उल्लू-ले उल्लू-ले, उल्लू-ले
जाना ना हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
फूटी तक़दीर क्यूँ आज़माता है?
दिल उल्लू का पट्ठा है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
जाना ना हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
फूटी तक़दीर क्यूँ आज़माता है?
दिल उल्लू का पट्ठा है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
बेसर-पैर की हैं इसकी आदतें
आफत को जान के देता है दावतें
जैसे आता है, चुटकी में जाता है
दिल १००-१०० का छुट्टा है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
ओ, जाना ना हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है
उल्लू-ले, उल्लू-ले उल्लू-ले, उल्लू-ले
उल्लू-ले, उल्लू-ले उल्लू-ले, उल्लू-ले
हम्म, confuse है, दोस्ती पे इसे ऐतबार, आधा है
रंग में दोस्ती के जो भंग, घोल दे
इश्क़ का भूत सर पे, सवार, आधा है
निगल सके ना ही, उगल सके
संगमरमर का बंगला बनाता है
दिल अकबर का पोता है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
ओ, जाना ना हो जहाँ वहीं जाता है
दिल उल्लू का पट्ठा है (उल्लू-ले, उल्लू-ले)
उल्लू-ले, उल्लू-ले उल्लू-ले, उल्लू-ले
उल्लू-ले, उल्लू-ले उल्लू-ले, उल्लू-ले