Jonita Gandhi - Rajvaadi Odhni lyrics
[Jonita Gandhi - Rajvaadi Odhni lyrics]
पकड़े कलाई को बांह को चटक चली
ज़रा इधर चली ज़रा उधर चली
गदर मचाया तूने जहां जिधर चली
छोड़ छाड़ नैहर की गलियां
कौन है वो जिस पिया के घर चली
मन तरसे रे रंग बरसे रे
मन तरसे रे, तरसे रे, तरसे रे
रंग बरसे रे, बरसे रे, बरसे रे
चैन की लुटेरी हूं मैं निंदियां की चोरनी
लाई दे
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
ज़रा इधर चली ज़रा उधर चली
गदर मचाया तूने जहां जिधर चली
छोड़ छाड़ नैहर की गलियां
कौन है वो जिस पिया के घर चली
हो, बांध के पयालियां पाओ में, पाओं में
छन, छनाती जब मैं जाऊं रे
तो हवा का झोंका बोलो रे, बोलो रे
आ सवारी मैं क्या करवाऊं रे
हो, बांध के पयालियां पाओ में, पाओं में
छन, छनाती जब मैं जाऊं रे
तो हवा का झोंका बोलो रे, बोलो रे
आ सवारी मैं क्या करवाऊं रे
जब नाचू रे जग सोचे रे
जब नाच रे, नाचू रे, नाचू रे
जग सोचे रे, सोचे रे, सोचे रे
आ गई शहर में कैसे जंगलों की मोरनी
लाई दे
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई लाई लाई लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई दे, लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी